अगर दो माह में प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं, तो आरक्षित वर्ग का लाभ नहीं…

उज्जैन :- कॉलेजों में एडमिशन के लिए दस्तावेज सत्यापन के दौरान काफी संख्या में विद्यार्थियों के पास स्थाई जाति प्रमाण पत्र की समस्या है। प्रमाण पत्र नहीं होने की स्थिति में विद्यार्थियों का सत्यापन नहीं किया जा रहा है। विद्यार्थियों की इस असुविधा को दूर करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने अस्थाई जाति प्रमाण पत्र और आवेदक विद्यार्थी के पिता के जाति प्रमाण पत्र को मान्य करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि इसके साथ विद्यार्थी को दो माह में स्थाई जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की सीमा दी है। अगर विद्यार्थी दो माह में प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करेगा तो उसे आरक्षित वर्ग का लाभ नहीं मिलेगा।
ऑनलाइन प्रक्रिया
कॉलेजों में प्रवेश के लिए जारी ऑनलाइन प्रक्रिया में 1953 विद्यार्थियों ने पंजीयन करवा लिया है। विद्यार्थियों में ऑनर्स कोर्स को लेकर काफी रुझान है। इसी के चलते विद्यार्थी निजी कॉलेजों और पाठ्यक्रम को प्राथमिकता मिल रही है। विश्वविद्यालय के स्नातक कोर्स को लेकर भी विद्यार्थियों में काफी रुझान है।
पंजीयन की रफ्तार काफी कम
वर्तमान में पीजी कोर्स में पंजीयन की रफ्तार काफी कम है। दरअसल, विवि के स्नातक अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा अभी संपन्न हुई। रिजल्ट में अभी समय लगेगा। इसलिए अभी तक पंजीयन के लिए विद्यार्थी नहीं पहुंच रहे हैं। हालांकि विभाग की तरफ से पांचवे सेमेस्टर की मार्कशीट के आधार पर प्रवेश की व्यवस्था की है।

 

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